2024-07-26 14:11:47
भिण्ड। जानकारी के अनुसार राष्ट्रीय हनुमान सेना पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पृथक चम्बल प्रदेश गठन की माँग के संयोजक नरसिंह कुमार चौबे ने एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि चम्बल नदी का उदय मालवा मध्यप्रदेश में हुआ है। मालवा से चली चम्बल नदी राजस्थान और मध्यप्रदेश की सीमा पर बाँधों का निर्माण होने से किसानों की समस्याओं का निदान हुआ और किसान खुशहाल हुआ और चम्बल अंचल में आकर चम्बल नदी का अस्त हुआ। यहां पर चम्बल नदी का पानी ऐसा है कि किसान वर्षा के पानी पर निर्भर रहता है जबकि अंचल में पांच-पांच नदियों का जलसंगम है। क्वारी, चम्बल, यमुना और पहुज जलसंगम पर पंचनदा बाँध की परियोजना 25 अक्टूबर 1983 में बनाई गई थी। केन्द्र सरकार से योजना के लिए लाखों अरबों रूपये का बजट आता रहा है, लेकिन पचनदा बाँध परियोजना पर काम आज दिनांक तक शुरू नहीं हो पाया है।चौबे ने बताया कि अगर पचनदा बाँध का निर्माण हो जाता है तो चम्बल अंचल में भूमि कटाव कम होता, जमीन का वाटर लेवल कम नहीं होता। सिंचाई,बिजली समस्या का समाधान होता, चम्बल अंचल में नदियों का पानी ऐसा है कि किसान वर्षा पर निर्भर रहता है और किसान कर्ज में डूबा रहता है। किसान खुशहाल होगा तो देश खुशहाल होगा।चौबे ने बताया कि चम्बालंचल की समस्या और निदान के मुख्य बिन्दुओं को लेकर राष्ट्रीय हनुमान सेना पार्टी द्वारा 27 दिसम्बर 1999 से पृथक चम्बल प्रदेश गठन की मांग की गई है। इसमें उत्तरप्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान के सीमावर्ती अन्तिम छोर पर 22 जिलों को मिलकार पृथक चम्बल प्रदेश गठन की मांग की गई है। उत्तरप्रदेश से आगरा, फिरोजाबाद, मैनपुरी, इटावा, औरैया, जालौन, झांसी और ललितपुर। मध्यप्रदेश से गुना, शिवपुरी, अशोकनगर, दतिया, ग्वालियर, मुरैना, श्योपुर और भिण्ड। राजस्थान से धौलपुर, करौली, सवाई माधौपुर, कोटा, बारा, झालावाड़ जिले शामिल हैं। चौबे ने बताया कि पृथक चम्बल प्रदेश गठन की माँग को लेकर लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष व युवा नेता राहुल गांधी को पत्र लिखकर चम्बल प्रदेश गठन की मांग को लोकसभा में संसदीय पटल पर रखने का अनुरोध किय गया है।